अमृत कलश

Sunday, November 27, 2011

पहेलियाँ

(१)
हरे बाल हैं भूरा तन ,
पर है मीठा मेरा मन
बच्चों मुझे चाव से खाओ ,
पर तुम पहले नाम बताओ |
(२)
भूरा किला श्वेत है नारी
काली है उसकी महतारी
सरस रसीली मन को भावे
कौन गुनी जो नाम बतावे |


किरण

Thursday, November 24, 2011

पहेली के सही उत्तर

पिछली पहेलियों के सही उत्तर हैं
१- पंखा
२-लौंग
आशा

Thursday, November 17, 2011

पहेलियाँ

(१)
सारे दिन करता हूँ काम
देता हूँ सब को आराम
इक पल कभी न थकता हूँ
आज्ञा पा कर रुकता हूँ
या तो कहदो मेरा नाम
अथवा छोडजाओ तुम ग्राम|
(२)
भूरा मुंह पर अंग है काला
खाते हैं सब इसको लाला
पैर एक पर चार कान हैं
मेरा सब में बड़ा मान है |
किरण

Sunday, November 13, 2011

चाचा नेहरू

ओ अमर राष्ट्र के सेनानी
तुमको शत शत प्रणाम
हम आज मनाने आते हैं
तव वर्ष ग्रंथि यह सुख सानी
हम आज मनाते दीवाली
सद्भाव ज्योति से मन मानी |
हम आज मना त्यौहार रहे
कर निज चाचा का अभिनन्दन
हम दिखा ह्रदय का भाव रहे
कर कर के सादर पद वंदन |
यह शरद निशा भी लुटा रही
अपने आंचल से पुष्प अमल
खिल रहे सागरों के उर पर
ये पञ्चशील के सुदल कमाल |
दृढ लग्न और कर्त्तव्य दिखा
नव ज्योति जगा दी जन जन में
चाचा नेहरू के मुक्त गीत
भर गये विश्व के कण कण में |
गंगा यमुना का पावन जल
जब तक हिलोरें लेगा
यह दीप दिवा का निज प्रकाश
जब तक पृथ्वी को देगा |
यह पूर्ण चन्द्र दे प्रभा
देश में अमन क्रान्ति बिखाराएगा
श्री नेहरू अमर रहें तब तक
सदभाव देश में छाएगा |
ओ भाग्य विधाता भारत के
ओ अजय सत्य के पुन्य धाम
ओ अमर राष्ट्र के सेनानी
सादर प्रणाम शत शत प्रणाम |

Friday, November 4, 2011

पहेलियाँ

(१)
फूलों में फूल कहाऊँ ,और सागों में साग
उलट पढोगे भीग जाओगे ,जल्दी जाओ भाग |
(२)
अंत कटे बोझा बनूँ ,मध्य कटे तो धान
आदि कटे दृढ लग्न हो ,रखना इसका मान|
(३)
मैं नित दौड लगाती हूँ ,सबकी प्यास मिटाती हूँ
खेत और खलियान सभी ,देते मुझ को मान |

ज्ञान वती सक्सेना 'किरण '